Selected By : Awadhesh Singh


हिमाचल में ऊना जिले की भरवाईं तहसील में स्थित उत्तरी भारत का प्रसिद्ध सिद्ध पीठ ‘श्री छिन्नमस्तिका चिंतपूर्णी धाम’ देश के 52 शक्तिपीठों में से एक है जहां सती मां पार्वती के चरण गिरे थे। इस शक्ति पीठ में पिंडी रूप में मां के दर्शन और आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए देश-विदेश से वर्ष भर श्रद्धालुओं का तांता लगा रहता है। प्रत्येक मास की संक्रांति, नवरात्र और रविवार को तो यहां जैसे भक्तों का एक मेला ही लग जाता है। सावन अष्टमी के दौरान यहां बड़़ा भारी 9 दिवसीय मेला लगता है। धार्मिक पर्यटक स्थल के रूप में विकसित हो रहे इस शक्तिपीठ पर भक्तजन अपनी मन्नतों और श्रद्धा के अनुसार साइकिलों पर, नंगे पांव पैदल चलते हुए ढोल नगाड़ों के साथ मां का जयघोष करते हुए पहुंचते हैं। 

चिंतपूर्णी में मां के दरबार के बिल्कुल सामने एक तालाब है। जनश्रुति के अनुसार मां ने भक्त मति दास को कन्या रूप में दर्शन देकर कहा कि मैं वट वृक्ष के नीचे पिंडी रूप में सदैव रहूंगी। आप थोड़ा नीचे जाकर एक पत्थर उखाडऩा वहां से जल निकलेगा और उसी जल से मेरी पूजा अर्चना करना।


भक्त मति दास ने वैसा ही किया तो वहां से जल का स्रोत निकला जो धीरे-धीरे तालाब का रूप धारण कर गया। मति दास वहीं से जल लाकर मां की पूजा-अर्चना करते थे। तभी से वहां जल का निकलना जारी है।  पिंडी की पूजा के लिए नित्य अभी भी जल वहीं से लाया जाता है। यहां बाद में महाराजा रणजीत सिंह के तत्कालीन दीवान ने एक सुंदर तालाब बनवाया जिसके नाम का पत्थर आज भी तालाब के निकट लगा हुआ है। 

लगभग 38 वर्ष पूर्व लाला जगत नारायण जी ने अपनी देखरेख में इस तालाब की कार सेवा करवाई थी। 



Location : Himachal Pradesh, India Date : 2017-09-21 00:30:10 Awadhesh